यूके स्थित जनसंख्या अध्ययन ने 1 99 7 से 2012 तक ब्रिटेन के अस्पताल के आंकड़ों के डेटाबेस से डेटा का उपयोग किया। कुल 8794 मोटे रोगियों ने गैस्ट्रिक बाईपास, गैस्ट्रिक बैंड या आस्तीन गैस्ट्रोक्टोमी और 8794 का उपयोग किया। बेरिएट्रिक सर्जरी से गुजर रहे मोटापे से ग्रस्त मरीजों पर डेटा की तुलना की गई थी।
शोधकर्ताओं ने पाया कि शल्य चिकित्सा करने वाले मरीजों में हार्मोन से संबंधित कैंसर (स्तन, प्रोस्टेट या एंडोमेट्रियल) विकसित करने का 77% कम जोखिम था, जो नहीं थे।
गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी हार्मोन से संबंधित कैंसर (84%) के जोखिम को कम कर सकती है, लेकिन इससे दो के कारक से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि इन जैविक प्रभावों के पीछे कारणों को दूर करने के लिए और अनुसंधान की आवश्यकता है।